परीक्षा के दिनों में क्याखाएं,क्या न खाएं !

जैसे ही परीक्षा केदिन नजदीक आते है वैसे ही विद्यार्थियों की धड़कने बढ़ने लगती है. इस नाजुक औरतनावग्रस्त दौर में खाने पीने में भी लापरवाही होने लगाती है. और इसी के चलतेहमारी रोगप्रतिरोधक क्षमता बहुत कम हो जाती है एवं हम आसानी से बीमार पड़ने कीस्थिती में आ जाते है. क्या इस स्थिती को टाला जा सकता है? हाँ! क्यूंकि जब दिमागको सही तरह का ,सही समय पर इंधन मिलेगा तो वह सही तरह से काम करेगा अथवा बार बार ‘ब्रेनफॅग’ जैसी अवस्था निर्माण हो जाएगी.कई बार यह भी देखा गया है की ऐन परीक्षा केवक्त हमारा पेट ख़राब हो जाता है, बुखार आ जाता है या पीलिया-टाइफाइड जैसी गंभीरबिमारियाँ हो जाती है.

      बेहतर यह होगा की हमारे परीक्षा के पहले औरपरीक्षा के दौरान के अभ्यासक्रम में यानेकी ‘स्टडी प्लान’ में ‘पॉवर डाइट प्लान’का भी समावेश हो. खाना पीना ऐसा हो जो दिमाग़ को तरो-ताज़ा और सजग रखें और शरीर कोचुस्त-दुरुस्त ! ऐसी ही कुछ ’पॉवर डाइट टिप्स’ यहाँ प्रस्तुत है.

ऐसा करें ---

  • समय पर खाना खाए- साधारणतौर पर अगर आप सुबह नाश्ता नहीं कर रहे तब  भी इन दिनों नाश्ता ज़रूर लें. मस्तिष्क को खानेसे ही काम करने के लिए उर्जा मिलेगी. भूख पर नहीं पढाई पर ध्यान रखना है. यह शर्मकी बात होगी की खाना टाल कर परिक्षा के लिए पुरजोर पढाई कर रहे है और फिर शारीरिकरूप से इतना थक चुके है कि परीक्षा के दिन पेपर छुड़ाने के लिए अशक्त है. समय केआभाव में लस्सी या ड्राई फ्रूट शेक या फ्रूट शेक ले सकते है.
  • प्रोटीन युक्त खाद्य पदार्थलेने से मस्तिष्क की सजगता बनी रहती है. खनीजबीज (नट्स), दही, पनीर, अंकुरित अनाजइत्यासे हमे पर्याप्त मात्र में प्रोटीन्स मिल जाते है.
  • दिमागी स्वास्थ्य के लिएउत्तम आहार लें ---खाद्य पदार्थ जैसे अखरोट, मनुका, अंजीर,सूर्यमुखी बीज, अलसीई.,फलों में केला, संतरा, खरबूज, स्ट्रॉबेरी, काले अंगूर, ई.,सब्जियों में गाजर,पालक, कद्दू, चौलाई, शिमला मिर्च,शकरकंद  आदि . का पर्याप्त मात्रा में सेवन करें .
  • नियमित अंतराल में खाना खाए–ऐसा करने से रक्त में शर्करा का सामान्य स्तर बना रहता है. दिन भर में ३ बड़ीखुराक से बेहतर होगा के ५-६ छोटी खुराक लें.
  • दिमाग़ को तरोताज़ा बनानेवाले पेय पदार्थ लें- समय समय से पर्याप्त पानी पीते रहे. शरीर में पानी की कमी सेएकाग्रता कम हो  जाती है और हम सुस्त होजाते है. गिलास भर पानी पीने के लिए प्यास लगने तक इंतज़ार न करे.पेय जैसे शहद-निम्बूपानी, वेजिटेबल सूप,फ्रूट जूस,ग्रीन टी ,मिल्क शेक, सोया मिल्क , छाछ आदि भी बेहतरपर्याय हैं .
  • हल्का एवं सुपाच्य खाना लें – पेट बहुत भरा हुआ लगने तक न खाएं. परीक्षा के एकदम पहलेभर पेट भोजन न करें. इससे शरीर का पूरा ध्यान खाना पचाने में लग जायेगा औरमस्तिष्क को काम करने के लिए  पर्याप्तउर्जा नहीं मिल पायेगी . मिक्स वेजिटेबल खिचड़ी , मिक्स वेज दलीया, मिक्स दाल चिला,उपमा,इडली, आदि पौष्टिक एवं सुपाच्य है और परीक्षा के कुछ समय पूर्व लें सकते है.
  • नाश्ता करें सोच समझकर – परीक्षा के बीच के अंतराल में कुछ ऐसा खाए जो आपको तुरंतपर्याप्त उर्जा दें बादाम,अखरोट, मूंगफल्ली, फुटाना,फल जैसे केला संतरा,चीकू, सेब,जाम, आदि. मीठी चीज़े जैसे चॉकलेट, मिठाई, कोल्डड्रिंक न खाएं.
  • रात में पूरी नींद लें –कई विद्यार्थियों को रात में जागने की आदत सी हो जाती हैताकि उन्हें कुछ अधिक समय मिल जाये पढाई के लिए परन्तु ध्यान रहे सिर्फ अच्छा खानेसे ही नहीं बल्कि अच्छी और पूरी  नींद सेभी शरीर और मस्तिष्क को आराम और ताकत मिलती है.
  • परीक्षा से पहले ही जाँचकरा लें- शरीर में  खून की या दुसरे कोई तत्त्वों की कमी तो नहींहै. आयरन और विटामिन बी  का सही स्तर होनाजरूरी है जिससे एकाग्रता पर असर पड़ता है. संतुलित आहार लें. ध्यान रहे की रोज़ानापेट भी सही समय पर पूरी तरह से साफ़ हो रहा है एवं कब्ज़ की शिकायत नहीं हो रही है. एकबार अवश्य अपने फॅमिली फिजिशियन से मिल लें. वें आपको उचित टॉनिक देंगे.
  • थोडी शारीरिक हलचल भी ज़रूरीहैं - खाना खाने के थोड़ी देर बाद कुछ वक्त टहलें ,थोड़ीदेर धूप में बैठकर पढ़ें ,स्ट्रेच करें व संभव उतना समय साइकिलिंग, रस्सी कूद याजॉगिंग करें.
  • ऐसा न करें    
  • मस्तिष्क को सुस्त करें ऐसान खाए – परीक्षा के दिनों में मैदे से बनी चीज़ेजैसे कूकीज़, केक्स, मफिन्स, टोस्ट, बिस्कुट, खारी ,पाव, बन्स ,नूडल्स ,whiteब्रेड, white ब्रेड से बने पदार्थ न खाए जो पचने में ज्यादा समय भी लेते है औरउर्जा भी. खाद्य पदार्थ जिसमे शक्कर अधिक डली हो वे भी नहीं खानेचाहिए जैसे चॉकलेट, आइस क्रीम और कैंडी इत्यादि.इनसे रक्त शर्करा में ज्यादाउतर-चढाव होने से अस्थिर महसूस होता हैं.हाई कार्बोहायड्रेट वाले पदार्थ परीक्षाके पहले लेने से बेहतर परीक्षा वाले दिन लेना ज्यादा ठीक है.तले हुए और  ज्यादा मसालेदार पक्वान्न भी न खाएं.
  • बड़ी और गरिष्ठ खुराक न ले –दिन भर में २-३ बड़ी खुराक से बेहतर ५-६ छोटी छोटी खुराकले जिससे खाना खाने के बाद हमें सुस्ती न घेर लें!
  • दिमाग़ को बाधित करने वालेपेय पदार्थ न पिए –जैसे सोडा और कोलाक्यूंकि इनमे शक्कर बहुत अधिक होती है. कैफ़ीनवाले पेय जैसे चाय या कॉफ़ी की मात्राबिलकुल कम कर दें.इनके पीने के  थोड़े हीसमय बाद ज्यादा नर्वस महसूस होने लगता है.
  • कुछ नया खाने की, पीने कीया नयी तरह की कोई दवाई न लें –क्यूंकि हमे नहीं पता कीहमारा शरीर किस तरह से उसे प्रतिक्रिया देगा. ऐसे में एलर्जिक प्रतिक्रिया भी होसकती है.
  • इन दिनों में बाहर का खानान खाए –ऐसा करने से दूषित पानी या खाद्य पदार्थ सेसंसर्गजन्य रोग होने की सम्भावना प्रबल होती है और पाचन  भी बिगड़ सकता है. 
  • खाना स्टडी टेबल के पास नखाए- एक अंतराल के बाद दिमाग़ और शरीर दोनों थक जातेहै.ताज़गी बनाये रखने के लिए इस अवसर का लाभ उठाये .परिवार जानो के साथ खाना खाए.उनकेसाथ कुछ हलके पल बिताएं .

Dr. Rani Bhutada- Pediatric Homoeopath & Nutrition Expert redapplehomoeoclinic@gmail.com