डायबिटीज (मधुमेह ) अनियमित दिनचर्या एवं खानपान से होने वाला रोग है WHO के अनुसार डायबिटीज ऐसा गम्भीर रोग है जिसमे pancrease शरीर में जरुरी इंसुलिन की मात्रा का निर्माण नहीं कर पाता या बने हुआ इंसुलिन का कार्य शरीर में असंतुलित हो जाता है इन्सुलिन हार्मोन शुगर के लेवल को कंट्रोल करने में मदद करता है शुगर लेवल के 145 से ऊपर होने पर एवं HbA1C - 7 के बड़े होने पर उसे हम शुगर ऊपर होने पर वह मधुमेह पेशेंट के रूप में चिन्हित रोगी है

टाइप १ डायबिटीज (इन्सुलिन -डिपेंडेंट बचपन से होने वाली डायबिटीज )जन्म से इन्सुलिन का जरुरत से कम बनना

टाइप २ डायबिटीज - (नॉन इन्सुलिन –डिपेंडेंट-युवा अवस्था में होने वाली डायबिटीज)९५ % यही होता है -इंसुलिन बनने की क्षमता कमजोर हो गयी हो या बने हुआ इंसुलिन का शरीर उपयोग नहीं कर पा रहा हो

गेस्टेशनल डायबिटीज - यह गर्भवती स्त्री को होने वाली डायबिटीज है जो गर्भावस्था के दौरान होती है - होने वाले बच्चे को भी भविष्य में टाइप - २ डायबिटीज होने का खतरा रहता है प्रीनेटल स्क्रीनिंग व् अन्य जांचो के दौरान इसका पता चलता है

सामान्य लक्षण - 
-पेशाब का बार बार बनना
-प्यास का अधिक लगना
-भूख अधिक लगना 
- वजन का कम होना 
आँखों की रौशनी कम होना 
-जल्दी थकान होना 
-इन्फेक्शन जल्द ठीक न होना

जीर्ण डायबिटीज से हार्ट,ब्लड वेसल्स,आँखों को,किडनी को और नसों में कमजोरी हो जाती है व्यस्क में डायबिटीज के कारण हार्ट अटैक का खतरा २-३ गुना बढ़ जाता है इंसुलिन की क्षमता मोटापा व् अन्य कारणों से डिस्टर्ब होती है मधुमेह की वजह से बुढ़ापा जल्दी आता है आँखे कमजोर होती है (रेटिनोपैथी) सुन्नपन आना ,गैंग्रीन बन जाता है इंफेक्टिप्न जल्दी ठीक नहीं होते सेक्सुअल प्रोब्लेम्स हो जाती है डायबिटीज फुट , डायबिटीज अलसर आदि प्रोब्लेम्स हो सकती है

उपाय -

१-लाइफस्टाइल मॉडिफिकेशन - एजुकेशन अबाउट डायबिटीज,डाइट फॉलो उप , स्ट्रेस रिलीव ट्रीटमेंट ,वेट कंट्रोल करे ,व्यायाम और मैडिटेशन लाभदायक है - शुगर बेस डाइट का सेवन न करे 
२- रेगुलर चेक अप एंड मॉनिटरिंग - भोजन करने के पहले व् बाद की शुगर की नियमित जाँच करे ,HbA1C की जाँच करे , B.P. की रेगुलर जाँच करे ,किडनी की सभी जाँच नियमित अंतराल पर करे 
कुछ भी लक्षण लगने पर अपने डॉक्टर से तुरंत सलाह ले
Helpline - 7770992222