बांझपन एक ऐसी समस्या है जिसके महिला और पुरुष दोनो जिम्मेदार होते तथा इनके अलावा अन्य कारण भी हो सकते हैं। इस समस्या के अंतर्गत जब कोई दंपत्ति 1 वर्ष या उससे अधिक समय के प्रयास के बावजूद भी गर्भधारण करने में सक्षम नहीं होते हैं, तो उसे हम बांझपन की समस्या कहते हैं। बांझपन की समस्या का प्रभाव केवल कपल के ऊपर ही नहीं देखने को मिलता है बल्कि उसका प्रभाव पूर्ण परिवार को भी प्रभावित करती हैं।

क्या होते हैं बांझपन के लक्षण?

अब बांझपन के लक्षणों की बात करें तो सबसे पहला और मुख्य लक्षण है कि 1 वर्ष के प्रयास के बाद भी गर्भधारण न ठहरना बांझपन का एक लक्षण है।

  • बांझपन के लक्षण महिला और पुरुष दोनों में देखे जाते हैं। यदि यौन इच्छा में बदलाव महसूस होता है तो भी यह एक बांझपन का लक्षण है।
  • पुरुषों के अंडकोष के भीतर पेन होना या सूजन तथा गांठ जैसा महसूस होना भी बांझपन का एक लक्षण हो सकता है।
  • पुरुषों में वीर्यपात के समय यदि कोई समस्या है तो भी यह एक बांझपन का लक्षण है।
  • यदि महिलाओं को पीसीओडी या पीसीओएस की समस्या है तो इसके कारण बांझपन की समस्या से सामना करना पड़ सकता है।
  • महिलाओं में बालों की समस्या का पतले होना तथा असमय झड़ना।
  • वजन का अचानक से बढ़ना या घट जाना भी बांझपन की समस्या का एक लक्षण है।
  • यदि आपको त्वचा संबंधी कोई बीमारी है तथा आपके चेहरे पर मुंहासे तथा अन्य प्रकार की कोई एलर्जी है तो भी बांझपन की दिक्कत हो सकती है।
  • मासिक धर्म के दौरान सामान्य दर्द तो लगभग सभी महिलाओं को होता है परंतु यदि मासिक धर्म के कारण पेट या पेट में अत्यधिक दर्द उत्पन्न होता है तो ऐसे में भी बांझपन जैसे बीमारी हो सकती है।

अब हम इसके बाद बात करते हैं बांझपन के कारणों के बारे में कि आखिर ऐसे वह कौन से कारण हैं जिनके कारण बांझपन होता है?

महिला एवं पुरुष दोनों में ही बांझपन के कारण पाए जाते हैं जिससे बांझपन जैसी समस्या जन्म लेती है।

  • यदि पुरुषों के शुक्राणु में कमी होती है जिसे हम मेडिकल साइंस में लो स्पर्म काउंट कहते हैं। यदि ऐसा है तो बांझपन होने की संभावना बढ़ जाती है
  • यदि महिलाओं की फैलोपियन ट्यूब में किसी भी प्रकार की कोई बाधा या ब्लॉकेज है तो बांझपन की समस्या उत्पन्न होती हैं।
  • पुरुषों के सीमेन में यदि शुक्राणु ना हो अर्थात जिसे मेडिकल साइंस में एजु स्पर्मिया कहते हैं। Azoospermia के कारण भी बांझपन हो सकता है।
  • यदि महिलाओं के हार्मोन में असंतुलन अर्थात पीसीओएस है तो भी इनफर्टिलिटी हो सकता है।
  • यदि पुरुषों के शुक्राणुओं की गति बहुत कम है जिसे हम low sperm motility के नाम से जानते हैं। इसके कारण भी ऐसी समस्याएं देखने को मिलती हैं।
  • यदि पुरुषों के शुक्राणुओं का आकार ठीक नहीं है अर्थात पुरुषों के शुक्राणुओं के आकार में कोई समस्या है जिसे हम poor sperm morphology के नाम से जानते हैं । इस समस्या में भी बांझपन होने की दर बढ़ जाती है।
  • महिलाओं में पीरियड का नियमित रूप से ना होना इनफर्टिलिटी जैसी समस्या को को बढ़ावा देती हैं।
  • यदि पुरुषों की शुक्राणुओं की गुणवत्ता ठीक नहीं है अर्थात उनके शुक्राणुओं में कोई समस्या है जिसे हम मेडिकल साइंस में low quality sperm के नाम से जानते हैं। इसके अलावा यदि पुरुषों के शुक्राणुओं में कोई अन्य ऐसी समस्या है तो पुरुष के पिता बनने में दिक्कत पैदा हो सकती है।
  • महिलाओं के गर्भाशय में यदि कोई ऐसी समस्या है जिसके कारण वह गर्भधारण नहीं कर सकती तो भी इनफर्टिलिटी का शिकार हो जाती हैं।

कैसे करें बांझपन का इलाज?

इंडिया आईवीएफ के एक्सपर्ट के मुताबिक बांझपन की समस्या से जूझ रहे महिला एवं पुरुष दोनों का इलाज पूरी तरीके से मेडिकल साइंस में है। यदि जांच के दौरान पुरुष में बांझपन की समस्या निकलती है तो उसके लिए मेडिकल साइंस में दवाइयां उपलब्ध हैं परंतु यह दवाइयां तभी कारगर साबित होंगी अर्थात इनकी सफलता दर तभी बढ़ेगी जब आप अपनी डाइट और एक्सरसाइज का पूरा ख्याल रखेंगे। इन दवाओं का सेवन आपको डॉक्टर की परामर्श के अनुसार ही करना है। तभी आपको बांझपन जैसी समस्या से मुक्ति मिलेगी।