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Health Tips
किडनी के रोग किन कारणों से होते है?
प्रायेण शैत्यस्य विशेषयोगाद्वृक्कद्वये वृक्कगदोभिजायते|
मसुरिकायां च विसुचिकायांकिंवा$मवाते चिरजे ज्वरे$पि वा||
उपद्रवत्वेन गृहीतजन्मा भवेदसौ चेति मतं बुधानाम्|| “भै.र.
ठंडे खाद्य पदार्थों के सेवन के कारण और ठंडा पानी ,कोल्ड ड्रिंक के कारण गुर्दे खराब होते है। इस कारण फ्रीज का पानी पीना सेहत के लिए हानिकारक है।
बड़ी माता चोटी माता आमवात बुखार आदि ज्यादा समय के लिए शरीर में रहना किडनी के रोग उपद्रव स्वरूप में करते है ।
आमं जलं पाकमुपैति यामात्पाक्वं पुनः शीतलमर्ध्दयामात् ||
पक्वं कदुष्णश्च ततो$र्ध्दकालादेवं तु पीतस्य जलस्य पाके..||”
फ्रिज का ठंडा पानी पाचन के लिए ४ घंटे से ज्यादा का समय लेता है इसी कारण से फ्रिज का पानी नहीं पीना चाहिए।
गरम पानी लगभग ४५ मिनिट में पाचन हो जाता है । इसलिए गरम कुनकुने जल पीना सेहत के लिए अच्छा रहता है।
रक्त में विशेष परिवर्तन के कारण किडनी के रोग होते हैं।
रक्त में विशेष परिवर्तन इन कारणों से होता है।
रक्त बिगाडनेवाला आहार-विहार किडनी को बिघाड देता है |
१) मद्यसेवन, विकृत प्रकारका अधिक मात्रा में उष्ण मद्य का सेवन करना.
२) अतिनमकिन पदार्थों का सेवन, अति खट्टे पदार्थों का सेवन, अति मात्र में तीखे पदार्थों का सेवन करना, तिल के तेल का सेवन, उडद की दाल का सेवन अधिक मात्रा में करना, यह भी रक्त बिघाडने वाला अन्न है.
३) दही, दही के ऊपर का पाणी, विरुद्ध आहार सेवन, सडा हुआ दुर्गंधित पदार्थोंका सेवन, भारी पदार्थोंका सेवन करके दिन में सोना, गुस्सा करना, ज्यादा धुप में घूमना, आग के पास काम करना, उलटी आदि के वेगों को रोकना, चोट लगना, शारीरिक एवं मानसिक संताप, पहले सेवन किया आहार पचन न होने पर फिर से आहार का सेवन करना आदि कारणों से देह का मूल रक्त बिघडता है |
इसलिए देहका मूल योग्य रखने के लिए इन चीजों से परहेज करें ।